दमा (अस्थमा) के कारण, लक्षण और घरेलू इलाज – Asthma Symptoms and Home Remedies in Hindi

आधुनिकीकरण और बढ़ते प्रदूषण का नकारात्मक प्रभाव न सिर्फ वातावरण, बल्कि इंसान को भी बाहरी और आंतरिक रूप से प्रभावित कर रहा है। प्रदूषित वातावरण का सबसे बुरा असर श्वसन तंत्र (Respiratory System) पर पड़ता है, जिससे कई तरह की सांस संबंधी बीमारियां जन्म लेती हैं। इनमें एक बड़ा नाम अस्थमा का है, जिसे दमा भी कहा जाता है।

अस्थमा प्रदूषित वातावरण के साथ-साथ खान-पानी संबंधी लापरवाही और आनुवंशिक रूप से भी हो सकता है। स्टाइलक्रेज के इस लेख में जानिए अस्थमा, इसके कारण और इससे निजात पाने के सटीक घरेलू उपायों के बारे में।

विषय सूची


क्या है दमा – What is Asthma in Hindi

अस्थमा फेफड़ों से जुड़ी बीमारी है, जिसमें सांस लेने में तकलीफ होती है। इस चिकित्सीय अवस्था में वायुमार्ग (Airways) संवेदनशील होकर सिकुड़ जाते हैं। वायुमार्ग के संकुचित होने से फेफड़ों तक ऑक्सीजन ठीक प्रकार से नहीं पहुंच पाती, जिससे सांस लेने में तकलीफ होती है और खांसी व सीने में जकड़न शुरू हो जाती है।

अस्थमा किसी भी उम्र के व्यक्ति को प्रभावित कर सकता है, लेकिन यह बीमारी सबसे ज्यादा बच्चों में देखी गई है। एक रिपोर्ट के अनुसार अमेरिका में 24 मिलियन से ज्यादा लोग दमा से पीड़ित हैं, जिनमें से 7 मिलियन बच्चे हैं (1)। आगे जानिए दमा के कारणों के बारे में।

दमा (अस्थमा) के कारण – Causes of Asthma Hindi

दमा तब अटैक करता है, जब सांस की नलियों में सूजन के साथ मांसपेशियां सख्त हो जाती हैं। इसके पीछे विभिन्न कारण जिम्मेदार हो सकते हैं। नीचे जानिए अस्थमा के कारण (2, 1) –

  • आनुवंशिक रूप से मिलने वाली एलर्जी जिसे अटॉपी (Atopy) कहते हैं।
  • परिवार के सदस्य जिन्हें अस्थमा की बीमारी हो।
  • बचपन में श्वसन तंत्र (Respiratory System) संबंधी संक्रमण।
  • नवजात अवस्था में किसी वायरल इंफ्केशन के संपर्क में आना।
  • तनाव के चलते।
  • धूल कणों के संपर्क में आने से।
  • एक्सरसाइज के कारण भी।
  • पालतू जानवर के झड़ते बाल और रूसी से।
  • वायु में रसायन की अधिकता से।
  • धूम्रपान करने से।
  • एस्पिरिन और एनएसएआईडीएस( NSAIDS) जैसी दवाइयों की वजह से।
  • मौसम में बदलाव होने से।

दमा के लक्षण – Symptoms of Asthma in Hindi

दमा की पहचान नीचे बताए गए लक्षणों की मदद से की जा सकती है 2

  • खांसी आने से।
  • सांस लेने और छोड़ने के दौरान पसलियों के बीच की त्वचा का ऊपर और नीचे होना।
  • सांस लेने में तकलीफ खासकर तब जब आप व्यायाम कर रहे हों।
  • सांस लेते वक्त घरघराहट का अहसास होना।

दमा के गंभीर लक्षण

  • होंठ और चेहरे का रंग नीला पड़ना
  • पल्स का तेज होना
  • चिंता
  • पसीना आना
  • अस्थाई रूप से सांस जाना
  • छाती में दर्द और सख्तपन महसूस होना

दमा (अस्थमा) के प्रकार – Types of Asthma Hindi

अस्थमा विभिन्न कारणों और विभिन्न परिस्थितियों में विकसित हो सकता है। दमा को निम्नलिखित रूप से वर्गीकृत किया जा सकता है –

एलर्जिक अस्थमा – जब प्रदूषित वातावरण के कारण एलर्जी पैदा करने वाला एलरजेन नामक तत्व शरीर में चला जाता है, तब एलर्जिक अस्थमा की स्थिति बन जाती है (3)।

एक्सरसाइज इंड्यूज अस्थमा – जब अस्थमा का कारण एक्सरसाइज या अन्य कोई शारीरिक गतिविधि बनती है, तो इसे एक्सरसाइज इंड्यूज अस्थमा कहा जाता है (4)।

कफ वेरिएंट अस्थमा – इस प्रकार का अस्थमा आमतौर पर श्वसन संक्रमण के कारण होता है (5)।

ऑक्यूपेशनल अस्थमा – जब अस्थमा किसी विशेष काम को करने से होता है, तो उसे ऑक्यूपेशनल अस्थमा कहा जाता है। ज्यादातर पशु पालक, किसान, नाई व लकड़ी का काम करने वाले इसकी चपेट में आते हैं (6)।

दमा के लक्षण और दमा के कारण जानने के बाद अब बात करते हैं दमा के घरेलू इलाज की।

दमा के घरेलू इलाज – Home Remedies for Asthma in Hindi

1. शहद

Honey

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सामग्री :

  • दो चम्मच शहद
  • एक गिलास गर्म पानी
  • आधा चम्मच दालचीनी पाउडर

कैसे करें इस्तेमाल :

  • गर्म पानी में एक चम्मच शहद मिलाएं और इसे धीरे-धीरे पिएं।
  • आप सोने से पहले दालचीनी पाउडर के साथ एक चम्मच शहद मिलाकर ले सकते हैं।

कितनी बार करें :

इस शहद के पानी को दिन में तीन बार पिएं। बिस्तर पर जाने से पहले हर रात शहद और दालचीनी मिलाकर लें।

कैसे है लाभदायक :

अस्थमा का इलाज करने के लिए आप शहद का उपाय कर सकते हैं। सांस की समस्याओं के लिए शहद सबसे पुराना और सबसे प्राकृतिक उपचार है। शहद एंटीइंफ्लेमेटरी, एंटीबैक्टीरियल व एंटीऑक्सीडेंट गुणों समृद्ध होता है। ये गुण अस्थमा के लक्षणों को कम करने का काम करेंगे और आपको आरामदायक नींद लेने में मदद करेंगे (7)।

2. अदरक

सामग्री :

  • कद्दूकस किया हुआ 1 चम्मच अदरक
  • एक कप गर्म पानी
  • आधा चम्मच शहद

कैसे करें इस्तेमाल :

  • कद्दूकस किए हुए अदरक को गर्म पानी में मिलाएं और पांच से सात मिनट के लिए पानी में रहने दें।
  • अब पानी को छान लें और शहद मिलाएं।
  • अब धीरे-धीरे इस हर्बल चाय को पिएं।
  • आप दिन में कई बार अदरक के छोटे-छोटे टुकड़ों को चबा भी सकते हैं।

कितनी बार करें :

दिन में दो से तीन कप अदरक की चाय पिएं।

कैसे है लाभदायक :

अदरक एक प्रसिद्ध जड़ी-बूटी है, जो अपने एंटीइंफ्लेमेटरी गुणों के लिए जाना जाती है। अदरक का सेवन श्वसन प्रणाली को स्वस्थ रखने का सबसे अच्छा तरीका है। यह सटीक अस्थमा का घरेलू उपचार है। अदरक वायुमार्ग की मांसपेशियों को आराम देता है और कैल्शियम की मात्रा को नियंत्रित करता है, जिससे वायुमार्ग में संकुचन से छुटकारा मिलता है (8)।

3. लहसुन

सामग्री :

  • 10-12 लहसुन की कलियां
  • आधा कप दूध

कैसे करें इस्तेमाल :

लहसुन की कलियों को दूध में उबालें और हल्का ठंडा कर पिएं।

कितनी बार करें :

दिन में एक बार पिएं।

कैसे है लाभदायक

लहसुन एंटीइंफ्लेमेटरी और एंटीबैक्टीरियल गुणों से समृद्ध होता है, जो फेफड़ों में जमाव को साफ करने के साथ-साथ वायुमार्ग की सूजन को कम करने का काम भी करता है। अस्थमा के घरेलू उपचार के रूप में आप लहसून का इस प्रकार इस्तेमाल कर सकते हैं (9)।

4. अजवाइन

celery

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सामग्री :

  • आधा चम्मच अजवाइन
  • कप का एक तिहाई गुड़
  • कुछ तुलसी के पत्ते
  • आधा चम्मच अदरक पाउडर
  • एक लौंग
  • पांच काली मिर्च के दाने
  • आधा चम्मच हल्दी
  • आधा कप पानी

कैसे करें इस्तेमाल :

  • इन सभी सामग्रियों को सॉसपेन में डालकर मिलाएं और कुछ मिनट तक अच्छी तरह उबालें।
  • फिर इस काढ़े को पिएं।

कितनी बार करें :

समस्या के दिनों में रोजाना इस काढ़े को दिन में दो बार पिएं। अगर कोई सकारात्मक परिमाण नहीं दिखता हैं, तो डॉक्टर से संपर्क करें।

कैसे है लाभदायक

अस्थमा का सफल उपचार करने के लिए आप अजवाइन का इस्तेमाल कर सकते हैं। नाक और गले के संक्रमण को दूर करने के लिए अजवाइन कारगर प्राकृतिक उपाय है। अस्थमा के लिए इसका इस्तेमाल भारत में लंबे समय से किया जा रहा है। अजवाइन एंटीफंगल, एंटीऑक्सीडेंट और एंटीबैक्टीरियल गुणों से समृद्ध होती है, जो आपको अस्थमा के लक्षणों से निजात दिलाने में मदद करेगी (10)।

5. हल्दी

सामग्री :

  • 1/4 चम्मच हल्दी पाउडर
  • एक गिलास पानी

कैसे करें इस्तेमाल :

हल्दी को पानी में मिलाएं और पिएं।

कितनी बार करें :

10-14 दिन तक रोज तीन-चार बार इस प्रक्रिया को दोहराएं। अगर लक्षणों में कोई सुधार नहीं होता है, तो खुराक को दोगुना करें।

कैसे है लाभदायक

हल्दी में करक्यूमिन नामक तत्व पाया जाता है, जो आपको अस्थमा से निजात दिला सकता है। हल्दी एंटीइंफ्लेमेटरी गुण से समृद्ध होती है, इसलिए यह वायुमार्ग की सूजन को भी कम कर सकती है। इसके अलावा, हल्दी कारगर एंटीमाइक्रोबियल एजेंट के रूप में भी काम करती है (11)।

6. एसेंशियल ऑयल

क) यूकेलिप्टस तेल

सामग्री :

  • यूकेलिप्टस तेल
  • एक तौलिया

कैसे करें इस्तेमाल :

इसका उपयोग करने के लिए साफ तौलिये पर तेल की कुछ बूंदें डालें और सोते समय तौलिये को अपने पास रख दें, ताकि तेल की सुगंध आपकी नाक तक पहुंचती रहे।

कितनी बार करें :

समस्या के दिनों में हर रात इस उपाय को करें।

कैसे है लाभदायक

बंद नाक से राहत दिलाने का यह सबसे अच्छा उपचार है। यह उपाय ठीक से सांस लेने में आपकी मदद करेगा। इसमें एउकल्यप्टॉल नाम का महत्वपूर्ण तत्व पाया जाता है, जो नाक की बलगम को हटाने का काम करेगा (12)।

ख) लैवेंडर का तेल

सामग्री :

  • लैवेंडर तेल की पांच-छह बूंदें
  • एक कटोरी गर्म पानी

कैसे करें इस्तेमाल :

गर्म पानी में लैवेंडर का तेल डालें और पांच से दस मिनट के लिए भाप लें।

कितनी बार करें :

आराम मिलने तक रोजाना एक बार करें।

कैसे है लाभदायक

लैवेंडर का तेल वायुमार्ग की सूजन को कम करने और बलगम को नियंत्रित करने का काम कर सकता है। यह सुंगधित तेल आरामदायक नींद को भी बढ़ावा देता है। लैवेंडर का तेल एक कारगर अस्थमा का इलाज हो सकता है (13)।

ग) टी ट्री ऑयल

Tea Tree Oil

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सामग्री :

  • टी ट्री ऑयल की कुछ बूंदें
  • फेस क्लॉथ
  • गर्म पानी

कैसे करें इस्तेमाल :

  • फेस क्लॉथ को गर्म पानी में डुबोकर बाहर निकालें।
  • अब इस नम कपड़े पर टी ट्री ऑयल की कुछ बूंदे डालें।
  • फिर तेल की भाप लें।

कितनी बार करें :

कुछ दिनों तक इस प्रक्रिया को लगातार दोहराएं। आप दिन में एक से दो बार तेल की भाप ले सकते हैं।

कैसे है लाभदायक :

टी ट्री तेल एक्सपेक्टरेंट और डेकोंगेस्टंट गुणों से समृद्ध होता है, जो बंद नाक, खांसी, घरघराहट और बलगम को खत्म करने का काम कर सकता है। तेल में मौजूद एंटीइंफ्लेमेटरी और एंटीमाइक्रोबियल गुण वायुमार्ग की सूजन को कम करने का काम करते हैं (14)। अस्थमा ट्रीटमेंट के लिए आप टीट्री तेल का इस प्रकार इस्तेमाल कर सकते हैं।

7. कॉफी

सामग्री :

  • एक कप गर्म कॉफी

कैसे करें इस्तेमाल :

  • अपनी पसंदीदा कॉफी को बनाएं और गर्मा-गर्म पिएं।

कितनी बार करें :

आप रोजाना गर्म कॉफी पी सकते हैं।

कैसे है लाभदायक :

कॉफी पीना एक सटीक अस्थमा का इलाज हो सकता है, क्योंकि यह वायुमार्ग को आसान बनाने का काम करता है। कॉफी में मौजूद कैफीन संकुचित वायुमार्ग को खोलने का काम कर सकता है (15)।

8. प्याज

सामग्री :

कच्चा प्याज

कैसे करें इस्तेमाल :

  • आप कच्चे प्याज को काटकर सलाद के रूप में भोजन के साथ खा सकते हैं।

कितनी बार करें :

  • आप प्रतिदिन इसका सेवन कर सकते हैं।

कैसे है लाभदायक

अस्थमा ट्रीटमेंट के लिए आप प्याज का सहारा ले सकते हैं। प्याज का तीखापन अस्थमा के लिए कारगर साबित हो सकता है। प्याज एंटीइंफ्लेमेटरी गुणों से समृद्ध होता है, जो वायुमार्ग को साफ करने का काम कर सकता है (16)।

9. आंवला

Gooseberry

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सामग्री :

  • एक मध्यम आकार का आंवला
  • आधा चम्मच अदरक का पाउडर
  • एक चम्मच शहद

कैसे करें इस्तेमाल

  • सबसे पहले आवंले को पानी में उबाल लें, ताकि वह नर्म हो जाए।
  • अब उसका बीज निकाल कर गुदे का पेस्ट बना लें।
  • आंवले के पेस्ट में अदरक पाउडर और शहद मिलाएं।
  • लगभग तीन से पांच ग्राम इस मिश्रण का सेवन करें।

कितनी बार करें :

समस्या के दिनों में रोजाना दो बार आंवला का यह मिश्रण ले सकते हैं।

कैसे है लाभदायक

आंवला विटामिन-सी और एंटीइंफ्लेमेटरी गुणों से समृद्ध होता है। इसका सेवन अस्थमा से निजात पाने के लिए किया जा सकता है। यह अस्थमा के लक्षण जैसे सर्दी व खांसी को खत्म करने का काम करता है (17)।

10. विटामिन

सामग्री :

  • विटामिन-सी के सप्लीमेंट्स
  • विटामिन-डी के सप्लीमेंट्स

कैसे करें इस्तेमाल :

हर दिन विटामिन सप्लीमेंट्स का सेवन करें।

कितनी बार करें :

आप करीब एक महीने तक ये सप्लीमेंट्स ले सकते हैं। अगर कोई सकारात्मक प्रभाव न दिखे, तो अपने डॉक्टर से संपर्क करें।

कैसे है लाभदायक

अस्थमा के लक्षणों को कम करने में विटामिन-डी के सप्लीमेंट्स प्रभावी उपाय साबित हो सकते हैं। इसमें मौजूद एंटीइंफ्लेमेटरी गुण दमा से निजात दिलाने का काम कर सकते हैं (18)। वहीं, विटामिन-सी भी अस्थमा के लिए कारगर उपचार माना गया है। यह अस्थमा के लक्षण जैसे एलर्जी व राइनाइटिस आदि से आराम दिला सकता है। इसके अलावा, विटामिन-सी इम्यून सिस्टम को मजबूत बनाने का काम भी करता है (19)।

स्वस्थ आहार के बिना बीमारियों से लड़ा नहीं जा सकता है। श्वसन प्रणाली को ठीक रखने के लिए अपने दैनिक आहार में ताजे फल और सब्जियों को जगह दें। एंटीऑक्सीडेंट, विटामिन्स और खनिजों से भरपूर भोजन श्वसन प्रणाली को स्वस्थ रखने का काम करते हैं।

नीचे जानिए कुछ खाद्य पदार्थ, जो रोगियों से लिए अच्छे हो सकते हैं –

दमा (अस्थमा) में आहार – Diet Tips for Asthma in Hindi

फल – सेब, कैंटालूप्स, केले, कीवी, एवोकाडो, अनानास और जामुन।

सब्जियां – गाजर, लहसुन, ब्रोकली, स्प्राउट्स, पालक, शकरकंद, अदरक व टमाटर।

जूस – ऊपर बताई गई सब्जियों और फलों का आप जूस बनाकर भी पी सकते हैं।

जंक फूड और तले हुए भोजन अस्थमा को गंभीर बनाने का काम कर सकते हैं, इसलिए जितना हो सके इन खाद्य पदार्थों से दूर रहें।

दमा (अस्थमा) से बचाव – Prevention Tips for Asthma in Hindi

हालांकि, अस्थमा को तुरंत रोकने का कोई तरीका नहीं है, लेकिन डॉक्टर के साथ मिलकर आप खुद को अस्थमा अटैक से बचा सकते हैं। नीचे कुछ सुझाव दिए जा रहे हैं, जिनका आप पालन कर सकते हैं –

  • आप डॉक्टर के सहयोग से अस्थमा की दवाएं लेने के लिए अस्थमा एक्शन प्लान बना सकते हैं और उसका सही रूप से पालन कर सकते हैं।
  • अस्थमा किसी भी वक्त आपको प्रभावित कर सकता है, इसलिए नियमित निगरानी और उपचार जरूरी है।
  • इन्फ्लूएंजा और निमोनिया अस्थमा का कारण बन सकते हैं, इसलिए इनका टीकाकरण करना जरूरी है।
  • अस्थमा के लक्षणों की पहचान करना भी बहुत ही जरूरी है। अगर आपको लेख में बताए गए किसी भी लक्षण का पता चलता है, तो आप तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें।
  • अस्थमा से बचने के लिए आप अपनी सांस पर भी निगरानी रखें। अगर आपको सांस लेने में तकलीफ या फिर ज्यादा दिनों तक लगातार खांसी जैसे लक्षण दिखते हैं, तो तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें।
  • अगर आपको अस्थमा का पहला अटैक आ चुका है, तो इलाज कराने में बिल्कुल भी देरी न करें।
  • डॉक्टर द्वारा बताई गई दवाइयों को सही समय पर लें और डॉक्टर के संपर्क में रहें।
  • अगर आपको अस्थमा इनहेलर से आराम नहीं मिलता है, तो अपने डॉक्टर से बात करें।

अस्थमा एक घातक बीमारी है, इसलिए जरूरी है कि शुरुआती लक्षण नजर आते ही सही इलाज कराया जाए। उपचार के अभाव में दमा जानलेवा साबित हो सकता है। आप दमा और इसके लक्षणों के प्रति जितना सतर्क रहेंगे, यह बीमारी आपसे उतना दूर रहेगी। लेख में हमने अस्थमा से बचाव के कई कारगर घरेलू उपाय बताए हैं, जिनका पालन आप कर सकते हैं। अगर आप अपने या परिवार के किसी सदस्य में अस्थमा के गंभीर लक्षण देखते हैं, तो तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें। यह लेख आपको कैसा लगा हमें कमेंट बॉक्स में बताना न भूलें। अन्य जानकारी के लिए आप हमसे सवाल भी पूछ सकते हैं।

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