बालतोड़ के कारण, लक्षण, इलाज और घरेलू उपचार – Boils (Baltod) Home Remedies in Hindi

एक आम धारणा बन चुकी है कि जब शरीर के किसी भी हिस्से का बाल अचानक टूट जाता है, तो बालतोड़ (baltod) हो जाता है। हां, यह बात सही है कि जहां बालतोड़ (baltod) होता है, वहां एक गांठ जरूर बन जाती है, लेकिन हम स्पष्ट कर दें कि बालतोड़ (baltod) एक प्रकार का संक्रमण होता है। यह लाल रंग के फोड़े के रूप में बाल कूप (हेयर फॉलिकल) या फिर तैलीय ग्रंथियों से शुरू होता है। करीब चार-पांच दिन बाद इसका रंग लाल से सफेद हो जाता है और मवाद बनने लगती है। अगर समय रहते इसका इलाज न किया जाए, तो यह गंभीर रूप ले सकता है और असहनीय दर्द भी होता है (1)।

राहत की बात यह है कि इसे आसानी से घर बैठे-बैठे ही ठीक किया जा सकता है। आयुर्वेद में इसके उपचार के बारे में विस्तार से बताया गया है। आयुर्वेद के अनुसार घर की रसोई में ऐसी कई चीजें मौजूद हैं, जिससे बालतोड़ का इलाज किया जा सकता है। स्टाइलक्रेज के इस लेख में हम ऐसे ही घरेलू सामग्रियों के बारे में बताएंगे, जो बालतोड़ का घरेलू इलाज (baltod ka gharelu ilaj) साबित हो सकती हैं।

विषयसूची


बालतोड़ का इलाज (baltod ka ilaj) जानने से पहले यह पता करते हैं कि बालतोड़ क्यों होता है?

बालतोड़ (फोड़े, फुंसी) के कारण – Causes of Boils in Hindi

  • पहला और अहम कारण स्टेफिलोकोकस ऑरियस जीवाणु है। यह छोटे से घाव या फिर चोट के रास्ते शरीर में पहुंचता है और बाल कूप में जाकर इंफेक्शन को फैलाता है, जिससे बालतोड़ होता है।
  • यह डायबिटीज के कारण भी हो सकता है।
  • नाक के अंदर जीवाणु जमा होने से भी यह हो सकता है।
  • खराब रोग प्रतिरोधक प्रणाली और शरीर में पोषक तत्वों की कमी होना भी एक अहम कारण है।
  • त्वचा की साफ-सफाई पर ध्यान न देना और रसायन युक्त उत्पादों के प्रयोग से भी बालतोड़ हो सकता है।

बालतोड़ क्यों होता है? यह जानने के बाद आगे हम बालतोड़ के लक्षणों के बारे में बात करेंगे।

बालतोड़ के लक्षण – Symptoms of Boils in Hindi

आमतौर पर बालतोड़ चेहरे, गर्दन, अंडरऑर्म्स, कूल्हों या फिर जांघों पर होते हैं। इसकी शुरुआत एक छोटी-सी फुंसी के साथ होती है। इसका आकार चेरी से लेकर अखरोट जितना हो सकता है। कई बार फोड़े और बालतोड़ में अंतर करना मुश्किल हो जाता है। हम यहां कुछ ऐसे लक्षण बता रहे हैं, जिनकी मदद से बालतोड़ की पहचान की जा सकती है (2)।

  • फोड़े के चारों ओर त्वचा लाल रंग की नजर आती है।
  • फोड़े और उसके आसपास सूजन आ जाती है।
  • इसके कारण असहनीय दर्द होता है।
  • कुछ दिनों के बाद इसमें गांठ बनने लगती है।
  • फिर इसमें मवाद भरनी शुरू हो जाती है।
  • कुछ लोगों को इससे बुखार भी आ सकता है।
  • पीड़ित व्यक्ति को कमजोरी व थकावट महसूस हो सकती है।

लेख के इस भाग में हम बालतोड़ का घरेलू इलाज (baltod ka gharelu ilaj) बताएंगे।

बालतोड़ (फोड़े, फुंसी) के घरेलू इलाज – Home Remedies for Boils in Hindi

1. टी ट्री तेल

Tea Tree Oil

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सामग्री :

  • टी ट्री तेल की सात बूंदें
  • आधा कप विच हेजल
  • सूती कपड़ा

प्रयोग की विधि :

  • तेल को विच हेजल के साथ मिक्स कर लें।
  • फिर सूती कपड़े को इसमें भिगोकर प्रभावित जगह पर लगाएं।

कितनी बार करें प्रयोग :

आप इसे रोज दिन में तीन बार लगाएं, जब तक कि बालतोड़ पूरी तरह से ठीक न हो जाए।

किस प्रकार है लाभकारी :

संवेदनशील त्वचा के लिए टी ट्री तेल बेहद गुणकारी है। आयुर्वेद में इसका प्रयोग कील-मुंहासों, बालतोड़ व त्वचा से संबंधित अन्य समस्याओं के लिए किया जाता है। इस तेल में एंटीसेप्टिक व एंटीबैक्टीरियल गुण पाए जाते हैं, जो किसी भी प्रकार के संक्रमण और बालतोड़ को ठीक करने में सक्षम हैं (3)। फुंसी हटाने के उपाय के रूप में आप टी ट्री आयल का प्रयोग कर सकते हैं।

सावधानी : अकेले टी ट्री ऑयल को त्वचा पर नहीं लगाना चाहिए, अन्यथा इससे जलन हो सकती है।

2. हल्दी

प्रक्रिया नंबर-1

सामग्री :

  • एक चम्मच हल्दी पाउडर
  • थोड़ा-सा पानी

प्रयोग की विधि :

  • हल्दी पाउडर में इतना पानी डालें कि पेस्ट बन जाए।
  • अब इस पेस्ट को प्रभावित जगह पर लगाकर छोड़ दें।

प्रक्रिया नंबर-2

सामग्री :

  • एक चम्मच हल्दी पाउडर
  • एक गिलास दूध

प्रयोग की विधि :

  • दूथ को हल्का गर्म कर लें और फिर उसमें हल्दी डालकर सेवन करें।

कितनी बार करें प्रयोग :

बालतोड़ के इलाज (baltod ka ilaj) के रूप में आप दिन में दो बार यह पेस्ट लगाएं। साथ ही रात को सोने से पहले हल्दी वाला दूध पी सकते हैं।

किस प्रकार है लाभकारी :

शरीर में कहीं भी चोट लगी हो या फिर संक्रमण हुआ हो, इनके लिए हल्दी से बेहतर और कुछ नहीं हो सकता। बालतोड़ के इलाज (baltod ka ilaj) के रूप में हल्दी का प्रयोग किया जा सकता है। हल्दी में एंटीइंफ्लेमेटरी और एंटीबैक्टीरियल जैसे प्रभावी गुण पाए जाते हैं (4)। आयुर्वेद में विशेष रूप से हल्दी का वर्णन किया गया है। यह बालतोड़ और उससे होने वाले दर्द को कम करने में मदद करती है। आप इसे संक्रमण वाली जगह पर लगाए या फिर सेवन करें, यह हर तरह से फायदेमंद साबित होगी। बालतोड़ के उपाय के रूप में हल्दी का प्रयोग करना सुरक्षित है।

सावधानी : हल्दी के अधिक सेवन से रक्त के थक्के बन सकते हैं या फिर गुर्दे की पथरी भी हो सकती है।

3. लहसुन

Garlic

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सामग्री :

  • लहसुन की एक या दो कलियां

प्रयोग की विधि :

  • लहसुन की कलियों को अच्छी तरह मसलकर पेस्ट बना लें।
  • फिर यह पेस्ट बालतोड़ पर लगाकर 15 मिनट के लिए छोड़ दें।
  • इसके बाद साफ पानी से धो लें।
  • आप लहसुन की कलियों को काटकर उनका जूस निकालकर भी संक्रमित जगह पर लगा सकते हैं।

कितनी बार करें प्रयोग :

कम से कम दिन में एक बार जरूर करें।

किस प्रकार है लाभकारी :

आयुर्वेद में लहसुन के भी कई फायदे बताए गए हैं। एक शोध में इस बात की पुष्टि हुई है कि लहसुन के प्रयोग से बालतोड़ के सबसे अहम जीवाणु स्टेफिलोकोकस ऑरियस को बढ़ने से रोका जा सकता है। लहसुन में एलिसिन नामक तत्व पाया जाता है, जो एंटीऑक्सीडेंट व एंटीबैक्टीरिया की तरह काम करता है (5)। फोड़े फुंसी का इलाज और फुंसी हटाने के उपाय के रूप में आप लहसुन का प्रयोग कर सकते हैं।

4. प्याज

प्रक्रिया नंबर-1

सामग्री :

  • आधा कटा प्याज
  • आधा चम्मच शहद

प्रयोग की विधि :

  • प्याज को अच्छी तरह से पीसकर पेस्ट तैयार कर लें।
  • फिर इसमें शहद डालकर अच्छी तरह से मिक्स करें।
  • इसके बाद यह पेस्ट बालतोड़ पर लगाकर 15-20 मिनट के लिए छोड़ दें और फिर साफ पानी से धो लें।

प्रक्रिया नंबर-2

सामग्री :

  • प्याज का बड़ा टुकड़ा
  • एक साफ कपड़ा

प्रयोग की विधि :

  • प्याज को बालतोड़ पर रख दें और कुछ घंटों के लिए कपड़ा बांध दें।
  • प्याज की गर्मी से फोड़ा पक जाएगा और मवाद बाहर निकल जाएगी।

कितनी बार करें प्रयोग :

जब तक मवाद पूरी तरह से निकल न जाए, इस प्रक्रिया को रोज दिन में दो से तीन बार करें।

किस प्रकार है लाभकारी :

फुंसी हटाने के उपाय के रूप में प्याज भी कारगर घरेलू उपचार साबित हो सकता है। एक अध्ययन के अनुसार, प्याज में एंटीबैक्टीरियल व एंटीमाइक्रोबियल तत्व होते हैं, जो विभिन्न तरह के संक्रमण खासकर स्टेफिलोकोकस ऑरियस से निपटने में काम आते हैं। साथ ही इसमें फेनोलिक एसिड भी होता है, जो किसी भी प्रकार के संक्रमण को पनपने से रोकता है (6)।

5. अरंडी का तेल

Castor oil

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सामग्री :

  • अरंडी के तेल की कुछ बूंदें
  • एक कॉटन बॉल

प्रयोग की विधि :

  • कॉटन बॉल पर अरंडी का तेल लगाकर फोड़े पर रख दें।
  • ध्यान रहे कि रूई को न तो दबाएं और न ही रगड़ें।
  • कुछ देर बाद रूई को हटा दें। इसके बाद घाव को धोएं नहीं।

कितनी बार करें प्रयोग :

जब तब आराम न मिले, प्रतिदिन में कम से कम तीन बार ऐसा करते रहें।

किस प्रकार है लाभकारी :

बालों और त्वचा के लिए अरंडी का तेल लाभकारी होता है। इस तेल में रिसिनोलिक एसिड होता है, जो एंटीइंफ्लेमेटरी की तरह काम करता है। यही कारण है कि बालतोड़ या फिर किसी अन्य संक्रमण के कारण त्वचा में आई सूजन को कम करने में यह तेल सक्षम है। अरंडी के तेल में एंटीबैक्टीरियल गुण भी होते हैं, जो किसी भी तरह के संक्रमण को पनपने से रोकते हैं (7)। फोड़े फुंसी का इलाज इस तेल की मदद से किया जा सकता है।

6. नीम

प्रक्रिया नंबर-1

सामग्री :

  • नीम के तेल की कुछ बूंदें
  • एक कॉटन बॉल

प्रयोग की विधि :

  • तेल को कॉटन बॉल पर लगाकर फोड़े पर रख दें।
  • कुछ देर बार कॉटन बॉल को हटा लें।

प्रक्रिया नंबर-2

सामग्री :

  • नीम की कुछ पत्तियां
  • आधा चम्मच हल्दी पाउडर
  • पानी (आवश्यकतानुसार)

प्रयोग की विधि :

  • नीम की पत्तियों को हल्दी और पानी के साथ पीसकर पेस्ट बना लें।
  • फिर इस पेस्ट को प्रभावित जगह पर लगाकर छोड़ दें।
  • जब पेस्ट सूख जाए, तो साफ पानी से उसे धो लें।

कितनी बार करें प्रयोग :

नीम तेल की विधि को दिन में चार-पांच बार करें। वहीं, नीम पेस्ट को दिन में दो बार लगाएं, जब तक कि फोड़ा ठीक न हो जाए।

किस प्रकार है लाभकारी :

भारत में नीम के पेड़ किसी भी घर के बाहर या फिर गली-मोहल्ले में मिल जाएंगे। नीम के पत्ते एंटीफंगल, एंटीबैक्टीरियल और एंटीवायरल के प्रमुख स्रोत हैं। नमी के पत्तों को सदियों से मुंहासे और बालतोड़ जैसे त्वचा संबंधी संक्रमण के लिए प्रयोग किया जा रहा है। नीम का तेल संक्रमण के कारण पैदा होने वाले बैक्टीरिया व सूजन को कम करने और घाव को भरने में मदद करता है (8)। बालतोड़ के उपाय के रूप में नीम का प्रयोग किया जा सकता है।

7. गर्म सिकाई

Warm winter

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सामग्री :

  • गर्म पानी
  • साफ कपड़ा

प्रयोग की विधि :

  • सबसे पहले गर्म पानी में कपड़े को भिगोकर निचाड़ लें।
  • इसके बाद गर्म कपड़े को प्रभावित जगह पर करीब 15-20 मिनट तक रखें।
  • इस दौरान फोड़े पर न तो दबाव डालें और न ही उसे दबाएं।

कितनी बार करें प्रयोग :

जब तक फोड़ा पूरी तरह से ठीक न हो जाए, इस प्रक्रिया को दिन में तीन बार करें।

किस प्रकार है लाभकारी :

गर्म कपड़े से सिकाई करने से शरीर में रक्त प्रवाह बेहतर हो जाता है, जिससे संक्रमण को दूर किया जा सकता है। साथ ही सिकाई करने से दर्द में भी आराम मिलता है। बालतोड़ के घरेलू इलाज (baltod ka gharelu ilaj) के लिए यह सबसे सरल और आसान उपाय है (9)।

8. एलोवेरा

सामग्री :

  • एलोवेरा का पत्ता या एलोवेरा जेल

प्रयोग की विधि :

  • एलोवेरा के पत्ते को काटकर उसमें से जेल निकाल लें। एलोवेरा जेल बाजार में भी उपलब्ध है। आप उसका भी प्रयोग कर सकते हैं, लेकिन पत्ते को काटकर निकाला गया जेल सबसे बेहतर है।
  • जेल निकालने के बाद रात को सोने से पहले इसे फोड़ पर लगा दें और रातभर लगा रहने दें।

कितनी बार करें प्रयोग :

जब तक आराम न मिले, प्रतिदिन करते रहें।

किस प्रकार है लाभकारी :

एलोवेरा का प्रयोग न सिर्फ सुंदरता बढ़ाने के लिए, बल्कि त्वचा से जुड़ी विभिन्न प्रकार की बीमारियों और संक्रमण में भी किया जा सकता है। एलोवेरा में भी एंटीऑक्सीडेंट, एंटीबैक्टीरियल और एंटीइंफ्लेमेटरी गुण पाए जाते हैं, जो किसी भी तरह के घाव और संक्रमण को ठीक कर सकते हैं। इसे प्रभावित जगह पर लगाने से किसी भी तरह की जलन नहीं होती है (10)। अगर आप घर बैठे-बैठे ही फोड़े का उपचार करना चाहते हैं, तो एलोवेरा का इस्तेमाल करें।

9. पान का पत्ता

betel leaf

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प्रक्रिया नंबर-1

सामग्री :

  • दो-तीन पान के पत्ते
  • अरंडी के तेल की कुछ बूंदें
  • साफ कपड़ा या रूई

प्रयोग की विधि :

  • अरंडी के तेल को पान के पत्तों पर लगा दें और फिर इन्हें पैन में रखकर थोड़ा गर्म कर लें।
  • फिर इसे फोड़े के ऊपर रख दें।
  • इससे फोड़े में जमा सारी मवाद बाहर निकल जाएगी।
  • इसके बाद साफ कपड़े या फिर रूई से जख्म को साफ कर दें।

प्रक्रिया नंबर-2

सामग्री :

  • दो-तीन पान के पत्ते
  • चुटकी भर हल्दी

प्रयोग की विधि :

  • पान के पत्तों को हल्दी के साथ पीसकर पेस्ट तैयार कर लें।
  • फिर इस पेस्ट को फोड़े पर लगाकर छोड़ दें।
  • जब यह सूख जाए, तो इस साफ पानी से धो दें।

कितनी बार करें प्रयोग :

इन दोनों प्रक्रियाओं को दिन में दो बार तब तक करें, जब तक कि घाव पूरी तरह से भर न जाए।

किस प्रकार है लाभकारी :

पान के पत्ते भोजन के बाद खाना पचाने और पूजा-पाठ में काम आने के अलावा जख्म भरने का काम भी कर सकते हैं। आयुर्वेद में सदियों से त्वचा संबंधी रोगों के लिए पान के पत्ते प्रयोग किए जा रहे हैं। पान के पत्तों में एंटीइंफ्लेमेटरी और एंटीमाइक्रोबियल गुण होते हैं। ये संक्रमित जगह से विषैले जीवाणुओं को साफ कर सूजन को कम कर सकते हैं (11)।

10. मंजिष्ठा

प्रक्रिया नंबर-1

सामग्री :

  • मंजिष्ठा पाउडर या सिरप
  • एक गिलास पानी या दूध

प्रयोग की विधि :

  • मंजिष्ठा पाउडर या सिरप को पानी या दूध में मिलाकर पी जाएं।

प्रक्रिया नंबर-2

सामग्री :

  • मंजिष्ठा पाउडर
  • थोड़ी-सी हल्दी
  • आवश्यकतानुसार पानी

प्रयोग की विधि :

  • मंजिष्ठा पाउडर को हल्दी और पानी के साथ मिक्स करके पेस्ट बना लें।
  • अब इस पेस्ट को फोड़े पर लगाएं और जब यह सूख जाए, तो साफ पानी से धो लें।

कितनी बार करें प्रयोग :

पाउडर को दूध के साथ दिन में एक बार तो जरूर लें। वहीं पेस्ट को रोज दो बार लगाएं।

किस प्रकार है लाभकारी :

यह आयुर्वेदिक औषधि कॉफी के परिवार से संबंध रखती है। इसे स्वास्थ्य व त्वचा से जुड़े कई रोगों में दवा के तौर पर प्रयोग किया जा सकता है। मुख्यतौर पर इसे खून को साफ करने वाली दवा के तौर पर जाना जाता है। यह खून को साफ करके शरीर को डिटॉक्सीफाई करती है। इस जड़ी-बूटी में एंटीमाइक्रोबियल गुण होते हैं और यह बैक्टीरिया पर प्रभावित तरीके से काम करती है। इसके नियमित प्रयोग से त्वचा पर सकारात्मक असर नजर आ सकते हैं (12)। मंजिष्ठा की मदद से फोड़ा का इलाज करना संभव है।

11. कलौंजी

Corset

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सामग्री :

  • कलौंजी के तेल की दो-तीन बूंदें
  • आधा चम्मच जोजोबा तेल

प्रयोग की विधि :

  • इन दोनों तेल को आपस में मिक्स कर लें।
  • फिर रात को सोने से पहले इसे फोड़े पर लगा दें और रातभर लगा रहने दें।

कितनी बार करें प्रयोग :

जब तक आराम न मिले इसे लगाते रहें।

किस प्रकार है लाभकारी :

कलौंजी के छोटे और काले रंग के बीज बेहद कमाल के हैं। ये हर घर की रसोई में आसानी से मिल जाएंगे। इसका प्रयोग कई तरह की बीमारियों में किया जा सकता है। इनमें एंटीइंफ्लेमेटरी और एंटीमाइक्रोबियल जैसे गुण पाए जाते हैं, जो बालतोड़ के कारण हुए घाव को भरकर आराम दिलाते हैं (13)। बालतोड़ के घरेलू इलाज (baltod home remedy) के तौर पर इसका प्रयोग जरूर करें।

12. मिल्क क्रीम

सामग्री :

  • एक चम्मच मिल्क क्रीम
  • आधा चम्मच सिरका
  • चुटकी भर हल्दी पाउडर

प्रयोग की विधि :

  • इन सभी सामग्रियों को आपस में मिक्स करके पेस्ट बना लें।
  • अब इस पेस्ट को प्रभावित जगह पर लगाएं।
  • जब पेस्ट सूख जाए, तो साफ पानी से धो लें।

कितनी बार करें प्रयोग :

आप दिनभर में एक या दो बार यह पेस्ट लगा सकते हैं।

किस प्रकार है लाभकारी :

मिल्क क्रीम के प्रयोग से फोड़े को जल्दी ठीक करने में मदद मिलती है। साथ ही दर्द से भी जल्द आराम मिलता है। इस मिश्रण में हल्दी होने के कारण यह एंटीबैक्टीरियल की तरह काम करता है। साथ ही इसे लगाने से किसी भी प्रकार का इंफेक्शन होने का अंदेशा नहीं रहता (14)।

13. मकई का आटा

corn flour

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सामग्री :

  • आधा कप पानी
  • मकई का आटा (आवश्यकतानुसार)
  • साफ सूती कपड़ा

प्रयोग की विधि :

  • पहले पानी को उबाल लें और फिर उसमें इतना मकई का आटा डालें कि पेस्ट बन जाए।
  • इसके बाद यह पेस्ट फोड़े पर लगाएं और फिर कपड़े से ढक दें।

कितनी बार करें प्रयोग :

ऐसा दिनभर में कई बार करें, ताकि फोड़ा पक जाए और उसमें से मवाद बाहर निकल जाए।

किस प्रकार है लाभकारी :

हालांकि, मकई का आटा कोई आयुर्वेदिक औषधि नहीं है, लेकिन इसके प्रयोग से फोड़े को ठीक किया जा सकता है।

14. सेंधा नमक

सामग्री :

  • दो चम्मच सेंधा नमक
  • एक बड़े कटोरे जितना पानी
  • सूती कपड़ा

प्रयोग की विधि :

  • पानी को गर्म कर लें और उसमें सेंधा नमक मिला दें।
  • अब इस पानी में कपड़े को डालकर भिगो दें और फिर निचोड़ लें।
  • इसके बाद यह गर्म कपड़ा फोड़े पर करीब 20 मिनट के लिए रख दें।

कितनी बार करें प्रयोग :

ऐसा दिन में करीब तीन बार करें, ताकि फोड़े में से मवाद बाहर निकल जाए।

किस प्रकार है लाभकारी :

घावों को ठीक करने के लिए सेंधा नमक का प्रयोग किया जा सकता है। यह नमक बैक्टीरिया को खत्म करके मवाद को सुखाने का काम करता है, ताकि बालतोड़ के कारण हुआ फोड़ा जल्द से जल्द ठीक हो जाए। गर्माहट से प्रभावित जगह पर रक्त का संचार बेहतर तरीके से होता है, जिससे संक्रमण से आराम मिलता है (15)। बालतोड़ के घरेलू इलाज (baltod home remedy) के तौर पर इसका प्रयोग जरूर करें।

आइए, अब जान लेते हैं कि बालतोड़ से कैसे बचा जा सकता है।

बालतोड़ (फोड़े, फुंसी) से बचाव के उपाय – Prevention Tips For Boils in Hindi

इस लेख में हमने उन तमाम घरेलू उपचारों के बारे में बात की, जिनके प्रयोग से बालतोड़ को ठीक किया जा सकता है। अब हम बात करेंगे उन खास उपायों के बारे में जिनका पालन करने से बालतोड़ होने जैसी स्थिति से बचा जा सकता है।

  • ध्यान रहे कि बालतोड़ संक्रमण के कारण होता है। अगर किसी शख्स को बालतोड़ है और आप अंजाने में बालतोड़ को छू लेते हैं, तो तुरंत हाथों को साबुन व पानी से अच्छी तरह धोएं।
  • अगर परिवार में किसी को बालतोड़ है, तो उसके कपड़े और बिस्तर को गर्म पानी में धोएं। धोते समय डिटर्जेंट के साथ ब्लिच को जरूर मिलाएं।
  • अगर आपको छोटी-सी भी चोट लग जाए या कट लग जाए, तो उसे अच्छी तरह साफ करें और दवा लगाएं।
  • हमेशा खुद को साफ-सुथरा रखें, ताकि संक्रमण आपके आसपास भी न फटके।
  • संतुलित भोजन करें और नियमित व्यायाम करें, ताकि आप हमेशा स्वस्थ रहें।

छोटी-छोटी फुंसियों कभी भी और किसी को भी हो सकती हैं, जो अमूमन अपने आप ठीक भी हो जाती हैं। यह संभव नहीं कि हर फुंसी बालतोड़ बने, लेकिन इन्हें हल्के में लेना आपकी बड़ी गलती साबित हो सकती है। इसलिए, जितना हो सके खुद को हाइजिन रखें और संतुलित दिनचर्या का पालन करें। अगर इसके बावजूद आपको फुंसी हो जाए, जो बड़े फोड़े में तबदील हो जाए, तो इस आर्टिकल में बताए गए घरेलू नुस्खों को जरूर आजमाएं। हो सकता हैं कि आपकी ज्यादा संवेदनशील हो, जिस कारण कुछ घरेलू उपाय आपको सूट न करें। इसलिए, उन्हें प्रयोग करने से पहले अपने डॉक्टर से एक बार जरूर पूछ लें। अगर इस विषय के संबंध में आप कुछ कहना या पूछना चाहते हैं, तो नीचे दिए कमेंट बॉक्स में लिख सकते हैं।

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