भारत के लगभग हर घर में आपको होली बेसिल यानी तुलसी का पौधा नजर आ जाएगा। जहां एक तरफ इसकी धार्मिक मान्यता है, वहीं कई बीमारियों के इलाज में भी इसका प्रयोग किया जाता है। हिंदू शास्त्रों के अनुसार, जिस घर के आंगन में तुलसी का पौधा होता है, वहां बैक्टीरिया और जीवाणु प्रवेश नहीं कर पाते हैं। साथ ही घर का वातावरण भी शुद्ध होता है। स्टाइलक्रेज के इस आर्टिकल में हम बात करेंगे कि क्यों और किस प्रकार तुलसी हमारे लिए फायदे हैं। साथ ही इसे किस प्रकार उपयोग करें कि यह हमारे लिए नुकसानदायक साबित न हो।
अब सीधा हम मुद्दे पर आते हुए तुलसी के फायदों के बारे में बात करते हैं। यहां हम जानेंगे कि तुलसी व तुलसी के बीज का उपयोग कैसे किया जा सकता है।
तुलसी के फायदे – Basil Leaves Benefits in Hindi
वैज्ञानिक भाषा में बात करें, तो तुलसी में एंटीइंफ्लेमेटरी, एंटीमाइक्रोबियल व एंटीऑक्सीडेंट गुण पाए जाते हैं (1)। इन गुणों के चलते ही तुलसी आपके लिए लाभकारी साबित होती है। यह कैंसर, डायबिटीज व ह्रदय रोग जैसी कई बीमारियों का इलाज करने में सक्षम है। इतना ही नहीं सर्दी-जुकाम व श्वासनली से जुड़े रोग व शरीर में आई सूजन को भी तुलसी की मदद से ठीक किया जा सकता है। अगर यह कहा जाए कि तुलसी आयुर्वेदिक औषधि है, तो गलत नहीं होगा। इसे न सिर्फ पूजा के लिए इस्तेमाल किया जाता है, बल्कि यह दवा का काम भी कर सकती है। तुलसी किस प्रकार सेहत, त्वचा व बालों के लिए कारगर है, उस बारे में हम आगे विस्तार से बता रहे हैं।
सेहत के लिए तुलसी के फायदे – Health Benefits of Basil in Hindi
1. तनाव के लिए तुलसी के फायदे
आपको यह जानकर हैरानी होगी कि बेसिल लीव मानसिक तनाव को कम कर सकती है। इसमें एंटी-स्ट्रेस गुण पाया जाता है (1)। तुलसी इम्यून सिस्टम को बेहतर कर सकती है, जिससे काफी हद तक तनाव से राहत मिल सकती है। साथ ही तुलसी शरीर में कोर्टिसोल के स्तर को संतुलित करने में मदद करती है। कोर्टिसोल एक प्रकार का स्ट्रेस हार्मोन होता है। अगर इसका स्तर कम होता है, तो तनाव व थकान में कमी आती है।
बेसिल लीव ऊर्जा बढ़ाने में भी मदद करती हैं और आपके काम पर फोकस को बेहतर करती है। अगर इन दो मामलों में आप बेहतर होते हैं, तो न सिर्फ तनाव कम होगा, बल्कि काम पर भी अच्छी तरह से ध्यान दे पाएंगे। एक ऑस्ट्रेलियन अध्ययन के अनुसार भी तुलसी मानसिक तनाव को दूर कर सकती है। साथ ही यह विभिन्न प्रकार के केमिकल के दुष्प्रभाव से भी शरीर के अंगों को सुरक्षित रखती है (2)। वहीं, भारत में हुए रिसर्च में भी इस बात की पुष्टि की गई है कि तुलसी में एंटीऑक्सीडेंट गुण होते हैं, जो आपको तनाव से बचा सकते हैं (3)। तुलसी के पत्ते खाने के फायदे की लिस्ट में आप इसे शामिल कर सकते हैं।
2. बेहतर इम्यूनिटी के लिए तुलसी के फायदे
ऐसा माना जाता है कि रोज तुलसी के ताजे पत्ते खाने से इम्यून सिस्टम यानी रोग प्रतिरोधक क्षमता बेहतर हो सकती है। इतना ही नहीं, यह श्वासनली से जुड़ी बीमारी अस्थमा तक में फायदेमंद साबित हो सकती है। साथ ही कमजोर प्रतिरक्षा प्रणाली के कारण होने वाली समस्याओं ब्रोंकाइटिस व फेफड़ों में संक्रमण से भी बचाव हो सकता है। इन तमाम बीमारियों में तुलसी कफ को पतला करके उसे शरीर से बाहर निकालती है। साथ ही फेफड़ों की कार्यक्षमता में भी सुधार होता है, जिससे आपको आराम मिलता है (4)।
बेसिल लीव के प्रयोग से सर्दी-जुकाम व बुखार को भी ठीक किया जा सकता है (5)। बुखार होने पर आप सिर्फ तुलसी की कुछ पत्तियों को पानी से धोकर चबा लें। साथ ही पत्तियों को पानी में उबालकर उस पानी को पीने से भी आपको आराम मिल सकता है। तुलसी की पत्तियां कटने व जलने से बने घावों को भी ठीक कर सकती हैं। साथ ही किसी भी तरह के संक्रमण से भी बचाती हैं। आप इम्यूनिटी सिस्टम को बेहतर बनाने के लिए तुलसी का उपयोग कर सकते हैं।
3. वजन घटाने में तुलसी के फायदे
तनाव में होने पर कुछ लोगों की भूख बढ़ जाती है और वो जरूरत से ज्यादा खाते हैं। इससे वजन बढ़ने लगता है। जैसा कि आपने ऊपर पढ़ा कि तुलसी के सेवन से तनाव पैदा करने वाले कोर्टिसोल का स्तर कम होता है। इस लिहाज से हम कह सकते हैं कि वजन घटाने के लिए तुलसी का प्रयोग किया जा सकता है।
हाल ही में हुई एक स्टडी ने भी इस संबंध में तुलसी के प्रभाव की पुष्टि की है। स्टडी के अनुसार, मोटापे से ग्रस्त मरीज को प्रतिदिन 250 ग्राम तुलसी के पत्तों का रस दिया गया। इससे मरीज के लिपिड स्तर व बीएमआई में काफी सुधार देखा गया। इस आधार पर कहा जा सकता है कि वजन घटाने में तुलसी मददगार है (6)। इस प्रकार से तुलसी के पत्ते खाने के फायदे में वजन घटाना भी शामिल है।
4. मुंह के स्वास्थ्य के लिए तुलसी के फायदे
आपको जानकर हैरानी हो सकती है कि होली बेसिल मुंह को साफ करके के काम भी आ सकती है। यह मुंह से आने वाली बदबू, पायरिया, मसूड़ों से जुड़ी बीमारियों को ठीक करने में मदद करती है। ऐसा तुलसी में मौजूद एंटीबैक्टीरियल गुणों के कारण है (7)। एक अन्य अध्ययन के अनुसार, तुलसी में एंटीमाइक्रोबियल गुण भी होते हैं। इन गुणों के कारण ही तुलसी को मुंह से संबंधित बीमारियों में इस्तेमाल किया जा सकता है। साथ ही इसके प्रयोग से कोई साइड इफेक्ट भी नहीं होता है (8)। मुंह के स्वास्थ्य के लिए तुलसी का उपयोग करना फायदेमंद हो सकता है।
5. आंखों के लिए तुलसी के फायदे
इन दिनों हर कोई आंखों से जुड़ी बीमारी से ग्रस्त है। अगर आपके साथ भी ऐसी ही कोई समस्या है, तो आज से ही तुलसी का प्रयोग शुरू कर दें। तुलसी कंजक्टिवाइटिस जैसे संक्रमण के साथ-साथ अन्य रोगों से भी आंखों की रक्षा कर सकती है। इसमें एंटी-इंफ्लेमेटरी गुण होते हैं, जो आंखों को फ्री रेडिकल्स से बचाते हैं। ऐसा माना जाता है कि तुलसी की पत्तियां मोतियाबिंद से भी आपको बचा सकती हैं। तुलसी में विटामिन-ए होता है, जो आंखों के स्वास्थ्य के लिए जरूरी है। इस लिहाज से भी आप तुलसी का प्रयोग कर सकते हैं (9) (10)।
नोट : बेशक तुलसी गुणकारी है, लेकिन आंखें बेहद कोमल होती हैं, इसलिए आंखों में कुछ भी डालने से पहले अच्छे नेत्र विशेषज्ञ से राय जरूर लें।
6. सिरदर्द में तुलसी के फायदे
अगर आपको सिरदर्द है, तो तुरंत राहत पाने के लिए बेसिल लीव पर भरोसा कर सकते हैं। भारत में सदियों से सिरदर्द के लिए तुलसी का प्रयोग किया जा रहा है। फिर चाहे आप इसे रस की तरह प्रयोग करें या फिर पाउडर की तरह। इसके अलावा, आप तुलसी की चाय बनाकर भी पी सकते हैं। चाय में तुलसी के अलावा आप अन्य जड़ी-बूटियां व शहद भी मिला सकते हैं (11)।
7. ह्रदय के लिए तुलसी के गुण
तुलसी के प्रयोग से कोलेस्ट्रॉल का स्तर कम होता है। डायबिटीज, थायराइड व उच्च रक्तचाप से ग्रस्त मरीजों का कोलेस्ट्रॉल सामान्य होना जरूरी है, वरना इससे ह्रदय पर बुरा असर पड़ता है। तुलसी की पत्तियां खराब कोलेस्ट्रॉल के स्तर को कम करके अच्छे कोलेस्ट्रॉल को बढ़ाती हैं (12)। ऐसे में आप तुलसी का प्रयोग कर सकते हैं। तुलसी में विटामिन-सी व एंटीऑक्सीडेंट गुण होते हैं, जो ह्रदय को फ्री रेडिकल्स से बचाकर रखते हैं।
इसके अलावा, तुलसी में फ्लेवनॉएड नामक तत्व होता है, जो ह्रदय की धमनियों में खून के थक्के बनने नहीं देता। इससे हार्ट अटैक व अन्य ह्रदय रोग की आशंका कम हो जाती है। एक ऑस्ट्रेलियन अध्ययन के अनुसार भी तुलसी ह्रदय रोग से बचाने में सहायक साबित हो सकती है (1)। तुलसी के पत्ते खाने के फायदे में स्वस्थ ह्रदय भी शामिल है।
8. गले में खराश के लिए तुलसी के गुण
मौसम में बदलाव होने, कुछ भी ठंडा खाने, धूम्रपान करने या फिर एलर्जी के कारण गले में खराश होने लगती है। धूम्रपान को छोड़ दिया जाए, तो अन्य कारणों पर हमारा बस नहीं चल सकता। इसलिए, गले में खराश होने पर आप होली बेसिल की पत्तियों को औषधि के तौर पर इस्तेमाल कर सकते हैं। कुछ वैज्ञानिक शोध में भी पाया गया है कि तुलसी में एंटीइंफ्लेमेटरी गुण होते हैं (13)। श्वास व गले से संबंधित कोई भी समस्या होने पर तुलसी का प्रयोग किया जा सकता है। इसके लिए, आप पानी में तुलसी की पत्तियों को पानी में डालकर उबाल लें और फिर उसे पिएं। साथ ही आप इस पानी से गरारे भी कर सकते हैं।
9. कैंसर के लिए तुलसी के लाभ
शरीर से जुड़ी सामान्य बीमारियों के साथ-साथ तुलसी कैंसर में भी लाभदायक साबित हो सकती है। वैज्ञानिकों का कहना है कि तुलसी के रस में रेडियोप्रोटेक्टिव गुण होते हैं, जो शरीर में पनपने वाले ट्यूमर सेल्स को खत्म कर सकते हैं। इसके अलावा, तुलसी में यूजेनॉल भी पाया जाता है, जिसमें एंटीकैंसर गुण होते हैं। साथ ही तुलसी में रोसमारिनिक एसिड, एपिगेनिन, ल्यूटोलिन, माय्रटेनल जैसे जरूरी फाइटोकेमिकल्स होते हैं। ये भी विभिन्न प्रकार के कैंसर से लड़ने में मदद कर सकते हैं (14)।
एक अन्य अध्ययन के अनुसार, तुलसी के सप्लीमेंट्स भी कैंसर एंजाइम को पनपने से रोक सकते हैं। इतना ही नहीं, तुलसी का रस पैंक्रियाज कैंसर सेल्स में ट्यूमरजेनिसिटी और मेटास्टेसिस के असर को कम कर सकता है (15)। साथ ही यह स्तन कैंसर के प्रभाव को भी धीरे-धीरे कम कर देता है (16)।
10. डायबिटीज के लिए तुलसी के फायदे
डायबिटीज के रोगियों के लिए भी तुलसी फायदेमंद है। तुलसी के सेवन से टाइप 2 डायबिटीज से ग्रस्त व्यक्ति के शरीर में इंसुलिन का प्रवाह सामान्य हो जाता है। साथ ही वैज्ञानिकों का मानना है कि तुलसी में एंटी-डायबिटीक गुण होते हैं। इसलिए, तुलसी भोजन से पहले और भोजन के बाद ब्लड ग्लूकोज के स्तर को कम कर सकती है (1)।
एक अन्य अध्ययन के अनुसार तुलसी में फ्लेवोनोइड्स, ट्राइटरपेन व सैपोनिन जैसे कई फाइटोकेमिकल्स होते हैं, जो हाइपोग्लाइसेमिक के तौर पर काम करते हैं। इससे शुगर को नियंत्रित करने में मदद मिलती है (17)। तुलसी के पत्ते खाने के फायदे में डायबिटीज का उपचार भी शामिल है।
तुलसी की पत्तियों व तुलसी के बीज का उपयोग जानने के लिए पढ़ते रहें यह आर्टिकल।
11. खांसी व सर्दी के लिए तुलसी के बेनिफिट्स
वैसे तो बाजार में खांसी के लिए ऐसे सिरप मिलते हैं, जिनमें तुलसी होती है, लेकिन इनके मुकाबले तुलसी के घरेलू उपचार ज्यादा फायदेमंद हैं। जैसा कि आप जान ही चुके हैं कि तुलसी में एंटीइंफ्लेमेटरी व एंटीऑक्सीडेंट गुण पाए जाते हैं, जो श्वासनली से जुड़ी समस्याओं में कारगर साबित हो सकते हैं। इसलिए, खांसी के लिए आप तुलसी पर भरोसा कर सकते हैं। इसके लिए आप तुलसी की कुछ पत्तियों को पानी में उबालकर इस पानी को पिएं। इससे आपको आराम मिल सकता है। वहीं, अगर आपको सर्दी लग रही है, तो आप तुलसी की पत्तियां चबा सकते हैं। इसके अलावा, तुलसी के पत्तों की चाय भी पी सकते हैं। इससे आपको सर्दी लगने में राहत मिल सकती है (18)। आप खांसी या फिर सर्दी होने पर तुलसी का उपयोग कर सकते हैं।
12. किडनी स्टोन के लिए तुलसी के फायदे
इन तमाम खूबियों के अलावा, तुलसी में एक गुण और भी है। यह शरीर को अच्छी तरह से डिटॉक्सीफाई कर सकती है। साथ ही इसमें हल्का मूत्रवर्धक गुण भी होता है, जिस कारण से यह किडनी में पथरी होने पर अपना असर दिखा सकती है। यह एक तरफ शरीर में यूरिक एसिड को कम करती है, तो दूसरी तरफ मूत्रवर्धक गुण के चलते किडनी से पथरी को निकालने में मदद करती है। साथ ही किडनी की कार्यक्षमता में भी वृद्धि होती है (19)।
13. पेट के लिए तुलसी के फायदे
पेट सही नहीं, तो पूरे शरीर की कार्यप्रणाली प्रभावित होती है। इसलिए, पेट का ठीक रहना जरूरी है। इस मामले में तुलसी रामबाण इलाज है। यह पेट में दर्द, पेट का फूलना, एसिडिटी व कब्ज जैसी समस्याओं से राहत दिला सकती है। साथ ही अगर आप नियमित रूप से तुलसी का सेवन करते हैं, तो अल्सर जैसी समस्या से भी छुटकारा मिल सकता है (20)।
अगर आपके पेट में तेज दर्द हो रहा है, तो आप 10ml तुलसी के रस में 20ml नींबू का रस मिलाकर पी सकते हैं। इससे आपको तुरंत आराम मिल सकता है। वहीं, अगर एसिडिटी की समस्या है, तो तुलसी के बीजों को पानी में उबालकर पीने से राहत मिल सकती है।
14. लिवर के लिए तुलसी के बेनिफिट्स
एक वैज्ञानिक रिसर्च के दौरान तुलसी में हेपेटोप्रोटेक्टिव गुण पाए गए थे। हेपेटोप्रोटेक्टिव गुण के चलते लिवर को नुकसान होने से बचाया जा सकता है। इसलिए, खराब लिवर से पीड़ित चूहे को तुलसी का सेवन कराया गया था। इसके बाद चूहे में सकारात्मक बदलाव नजर आए थे। रिसर्च के दौरान पाया गया कि तुलसी के प्रयोग से चूहे के लिवर में आई सूजन कम हो गई है (21)। इतना ही नहीं, तुलसी के सेवन से शरीर को डिटॉक्सीफाई करने की लिवर की क्षमता में सुधार हो सकता है।
नोट : इन तमाम गुणों के बावजूद हम यही सलाह देंगे कि लिवर की समस्या होने पर तुलसी का सेवन करने से पहले एक बार अपने डॉक्टर से जरूर पूछ लें।
15. सूजन को कम करने में तुलसी के लाभ
जैसा कि हमने इस लेख के शुरुआत में बताया था कि तुलसी में एंटीइंफ्लेमेटरी गुण होते हैं, इसलिए यह शरीर व जोड़ों में आई सूजन को कम करने में कारगर साबित हो सकती है। वैज्ञानिकों के अनुसार तुलसी में कई गुणकारी तत्व होते हैं, जो सूजन को कम कर सकते हैं। इनमें से मुख्य तत्व अर्सोलिक एसिड है, जो एंटी-इंफ्लेमेटरी की तरह काम करता है (22) (23)। यह कोर्टिसोल के कारण पैदा होने वाले हानिकारक एंजाइम को खत्म करने का काम करता है। तुलसी एनाल्जेसिक (दर्द निवारक दवा) के रूप में भी काम करती है।
16. रक्त वाहिकाओं के लिए तुलसी के बेनिफिट्स
यह तो आप समझ ही चुके हैं कि तुलसी में एंटीऑक्सीडेंट और एंटीइंफ्लेमेटरी गुण होते हैं। यही कारण है कि तुलसी के इस्तेमाल से रक्त वाहिकाएं ठीक प्रकार से काम कर पाती हैं। रक्त वाहिकाओं में किसी भी तरह की रुकावट पैदा नहीं होती है और न ही उन्हें किसी भी तरह की क्षति होती है। इस संबंध में वैज्ञानिक और शोध कार्य कर रहे हैं। तुलसी के पत्ते खाने के फायदे में रक्त वाहिकाओं की बेहतर कार्यप्रणाली भी शामिल है।
आगे हम बताएंगे कि आपकी स्किन के लिए तुलसी किस प्रकार फायदेमंद साबित हो सकती है।
त्वचा के लिए तुलसी के फायदे – Skin Benefits of Basil in Hindi
17. कील-मुंहासों के लिए तुलसी के लाभ
तुलसी लिवर को डिटॉक्सीफाई करने के साथ-साथ रक्त को भी साफ करने का काम करती है। इसके पत्तों में मौजूद एंटीबैक्टीरियल व एंटीफंगल गुण खून में जमा विषैले जीवाणुओं को शरीर से बाहर निकाल देते हैं। यही कारण है कि तुलसी कील-मुंहासों को बाहर के साथ-साथ अंदर से भी ठीक करती है। थाइलैंड में हुए एक अध्ययन में भी इस बात को माना गया है कि तुलसी की मदद से कील-मुंहासों का उपचार किया जा सकता है (24)। आप कील-मुंहासों के लिए तुलसी को खाने के साथ-साथ तुलसी की चाय भी बनाकर पी सकते हैं। कील-मुंहासों के लिए तुलसी के पत्ते के फायदे प्राप्त करने के लिए इस फेस पैक का इस्तेमाल कर सकते हैं :
सामग्री :
- तुलसी की कुछ पत्तियां
- चंदन पाउडर (आवश्यकतानुसार)
- गुलाब जल (आवश्यकतानुसार)
प्रयोग की विधि :
- सबसे पहले तुलसी की पत्तियों को पीस लें।
- फिर उसमें चंदन पाउडर व गुलाब जल मिलाकर पेस्ट बना लें।
- अब इस पेस्ट को चेहर पर लगाकर करीब 20 मिनट के लिए छोड़ दें।
- इसके बाद चेहरे को ठंडे पानी से धो लें।
इस घरेलू उपचार की मदद से आप न सिर्फ कील-मुंहासों को ठीक कर सकते हो, बल्कि ब्लैकहैड्स व दाग-धब्बों से भी छुटकारा पा सकते हो।
18. त्वचा में संक्रमण के लिए तुलसी के पत्ते के फायदे
तुलसी के पत्तों में एंटीबायोटिक गुण भी पाए जाते हैं, जो संक्रमण के कारण होने वाले त्वचा रोग को ठीक कर सकते हैं। तुलसी की पत्तियां त्वचा रोग का कारण बनने वाले बी. एन्थ्रेसिस और ई. कोलाई जैसे बैक्टीरिया को पनपने नहीं देती हैं। इसके अलावा, तुलसी में एंटीफंगल व एंटीमाइक्रोबियल गुण भी होते हैं, जो त्वचा संक्रमण से बचाते हैं (25)। अगर आपकी त्वचा पर संक्रमण होता है, तो आप इस घरेलू उपचार का इस्तेमाल करें, ताकि तुलसी के पत्ते के फायदे आपको मिल सकें :
सामग्री :
- 250 ग्राम तुलसी की पत्तियां
- 250 ग्राम तिल का तेल
प्रयोग की विधि :
- तुलसी की पत्तियों को तिल के तेल में डालकर उबाल लें।
- फिर इसे पीसकर पेस्ट बना लें।
- अब इस पेस्ट को प्रभावित जगह पर लगाएं।
19. एक्जिमा और विटिलिगो के लिए तुलसी के पत्ते के फायदे
एक्जिमा ऐसी बीमारी है, जिसमें त्वचा पर तेज जलन व खुजली होती है। कई बार इससे त्वचा पर गंभीर घाव भी हो जाते हैं। वहीं, विटिलिगो में त्वचा अपनी प्राकृतिक रंगत खोने लगती है। इसमें पूरे शरीर पर जगह-जगह बड़े-बड़े पैच नजर आते हैं। आम भाषा में इसे फुलवैरी या फिर सफेद दाग कहते हैं। इन दोनों अवस्थाओं में तुलसी फायदेमंद साबित हो सकती है।
अगर आप प्रतिदिन तुलसी की कुछ पत्तियों का सेवन करते हैं, तो उससे एक्जिमा व विटिलिगो से कुछ राहत मिल सकती है। एक शोध में भी कहा गया है कि तुलसी में एंटीऑक्सीडेंट गुण होते हैं, जो एक्जिमा को कुछ हद तक ठीक कर सकते हैं (26)।
नोट : एक्जिमा गंभीर त्वचा रोग है, इसलिए तुलसी का प्रयोग करने से पहले एक बार अपने डॉक्टर से जरूर पूछ लें।
सेहत व त्वचा के बाद अब बारी आती है बालों की, तो इस मामले में भी तुलसी के फायदे देख लेते हैं।
बालों के लिए तुलसी के फायदे – Hair Benefits of Basil in Hindi
20. झड़ते बालों के लिए तुलसी के पत्ते के फायदे
तुलसी की पत्तियां हेयर फॉलिकल्स को फिर से सक्रिय कर बालों को झड़ने से बचाती हैं। साथ ही बालों को जड़ों से मजबूत बनाती हैं। इसके अलावा, स्कैल्प को ठंडा करती हैं और सर्कुलेशन को बेहतर करती हैं। अगर आप झड़ते बालों से परेशान हैं, तो तुलसी पर भरोसा कर सकते हैं (27)। यहां जानिए कि झड़ते बालों से राहत पाने के लिए तुलसी का प्रयोग किस प्रकार करें :
सामग्री :
- तुलसी की कुछ पत्तियां
- थोड़ा-सा तेल
प्रयोग की विधि :
- तुलसी की पत्तियों को पीसकर पेस्ट बना लें।
- फिर इसे अपने हेयर ऑयल में मिक्स करके बालों पर लगाएं और हल्के-हल्के हाथों से मालिश करें।
- तेल को करीब 30 मिनट तक लगा रहने दें और फिर सल्फेट फ्री शैंपू से बालों को धो लें।
21. डैंड्रफ के लिए तुलसी के गुण
डैंड्रफ की समस्या सबसे ज्यादा सर्दियों में देखने को मिलती है। अगर आप भी डैंड्रफ से जूझ रहे हैं, तो एक बार तुलसी का प्रयोग करके देखें। तुलसी के इस्तेमाल से न सिर्फ स्कैल्प में रक्त का संचार बेहतर होता है, बल्कि डैंड्रफ व सिर में होने वाली खुजली से भी राहत मिलती है (28)। साथ ही स्कैल्प पर आया रूखापन भी दूर होता है। डैंड्रफ का कारण बनने वाले पांच प्रकार के फंगल को तुलसी की मदद से ठीक किया जा सकता है। इसके अलावा, तुलसी लगाने से बालों में प्राकृतिक चमक आती है और बाल रूख व उलझे हुए नहीं रहते।
सामग्री :
- तुलसी के तेल की कुछ बूंदें
- कोई भी हेयर ऑयल
प्रयोग की विधि :
- तुलसी के तेल को अपने हेयर ऑयल में मिक्स कर दें।
- फिर इस तेल को बालों व स्कैल्प लगाकर हल्के-हल्के हाथों से मालिश करें।
- बेहतर परिणाम के लिए आप इसे रात को लगाकर सोएं और अगली सुबह शैंपू से धो लें।
22. असमय सफेद बालों के लिए तुलसी के गुण
इन दिनों युवाओं के बाल समय से पहले ही सफेद होने लगे हैं। इस मामले में तुलसी का प्रयोग किया जा सकता है। तुलसी बालों को असमय सफेद होने से बचाती है। आप बालों को काला व घना बनाने के लिए इस विधि का इस्तेमाल कर सकते हैं :
सामग्री :
- थोड़ा-सा तुलसी पाउडर
- थोड़ा-सा आंवला पाउडर
प्रयोग की विधि :
- दोनों पाउडर को रात भर के लिए पानी में भिगोकर रख दें।
- अगली सुबह बालों को इस मिश्रण से धो लें।
तुलसी के इतने फायदे जानने के बाद अब जान लेते हैं कि इसका सेवन कैसे-कैसे कर सकते हैं।
तुलसी का उपयोग – How to Use Basil in Hindi
आप तुलसी को निम्न प्रकार से अपनी रोज की डाइट में शामिल कर सकते हैं :
- आप रोज सुबह खाली पेट तुलसी की पत्तियां चबा सकते हैं। उससे पहले इसे पानी से जरूर धो लें।
- आप तुलसी के पत्तों के साथ अदरक व शहद का इस्तेमाल करके हर्बल चाय बना सकते हैं। यह चाय न सिर्फ सेहत के लिए फायदेमंद है, बल्कि स्वाद में भी अच्छी होती है।
- आप अपनी पसंदीदा डिश में तुलसी के पत्तों को काटकर डाल सकते हैं। इससे डिश का स्वाद भी बढ़ेगा और जरूरी पोषक तत्व भी मिलेंगे।
- अगर आप खाना बनाते समय अंत में तुलसी के पत्तों को मिक्स कर देंगे, तो इससे खाने में अनोखा स्वाद आएगा और साथ ही खाने से मनमोहक खुशबू भी आएगी।
- आप जूस या मॉकटेल में भी तुलसी के पत्तों को डाल सकते हैं। इससे आपको नया फ्लेवर मिलेगा।
- आप सलाद में भी तुलसी के ताजे पत्तों को काटकर मिक्स कर सकते हैं।
तुलसी व तुलसी के बीज का उपयोग जानने के बाद आर्टिकल के अंतिम भाग में हम तुलसी के कुछ दुष्प्रभावों के बारे में बात कर लेते हैं।
तुलसी के नुकसान – Side Effects of Basil in Hindi
आप सोच रहे होंगे कि इतनी गुणकारी तुलसी के नुकसान क्या हो सकते हैं, लेकिन ऐसा नहीं है। आयुर्वेद भी कहता है कि हर चीज का सेवन सेहत व परिस्थितियों के अनुसार और सीमित मात्रा में ही करना चाहिए, तभी उसका फायदा होता है। इस लिहाज से तुलसी की भी कुछ सीमाएं हैं, जिनके बारे में हम नीचे बता रहे हैं :
- अगर आप गर्भवती हैं या अपने शिशु को स्तनपान करा रही हैं, तो इस परिस्थिति में तुलसी का सेवन सोच-समझ कर करना चाहिए। सबसे बेहतर यही है कि इन दोनों अवस्थाओं में तुलसी का सेवन न ही किया जाए। तुलसी में एंटीफर्टिलिटी प्रभाव हो सकता है, जिस कारण यह गर्भवती महिला के लिए सही नहीं और उसे इसका परहेज करना चाहिए (29)।
- जैसा कि आपने ऊपर पढ़ा था कि तुलसी शरीर में खून के थक्के नहीं बनने देती। इस कारण से कुछ मामलों में यह खून को जरूर से ज्यादा पतला कर सकती है, जिससे रक्तस्राव की समस्या हो सकती है। अगर आपको कभी ऐसा लगे, तो तुरंत तुलसी का सेवन बंद कर दें। साथ ही अगर आप खून को जमने से रोकने वाली दवा ले रहे हैं, तो फिर तुलसी का सेवन न करें।
- तुलसी में पोटैशियम की मात्रा अधिक होती है, जिस कारण से यह रक्तचाप को कम कर सकती है (30)। इसलिए, अगर कोई कम रक्तचाप से पीड़ित है या फिर कोई रक्तचाप को कम करने की दवा ले रहा है, तो उसे तुलसी का सेवन नहीं करना चाहिए। इसे रक्तचाप बेहद कम हो सकता है।
- तुलसी व अदरक की चाय ज्यादा मात्रा में पीने से पेट व सीने में जलन हो सकती है और एसिडिटी भी बन सकती है।
- जो लोग मधुमेह की दवा ले रहे हैं, उन्हें भी तुलसी नहीं खानी चाहिए। इससे रक्त शर्करा का स्तर कम हो सकता है।
तुलसी के इतने गुणों को जानने के बाद आप समझ ही गए होंगे कि क्यों तुलसी को इतना महत्व दिया गया है। इसकी मान्यता न सिर्फ धार्मिक आधार पर है, बल्कि वैज्ञानिक मापदंडों पर भी इसके चिकित्सीय लाभों को प्रमाणित किया गया है। अगर आपके घर में तुलसी का पौधा नहीं है, तो जल्द से जल्द से उसे अपने आंगन या फिर बालकॉनी में रखें, ताकि भविष्य में जरूरत पड़ने पर आपको इसके लिए इधर-उधर भागना न पड़े। यह आर्टिकल आपको कैसा लगा, अपने विचार हमारे साथ नीचे दिए कमेंट बॉक्स में शेयर करें।
स्वस्थ रहें, खुश रहें।
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