गुलाब के डंठल (रोजहिप) की चाय के फायदे और नुकसान – Rosehip Tea Benefits and Side Effects in Hindi

गुलाब की खुशबू और इसके फायदे से तो हर कोई वाकिफ है। लेकिन, क्या आप जानते हैं कि गुलाब के डंठल की चाय स्वास्थ्य के लिए कितनी फायदेमंद हो सकती है। जी हां, गुलाब के डंठल की चाय यानी रोजहिप टी। इसमें मौजूद गुणों की वजह से बाजार में भी रोजहिप टी बैग्स उपलब्ध हैं। माना जाता है कि यह चाय दिनभर तरोताजा रखने के साथ ही कई बीमारियों से बचाव में मदद कर सकती है। यही वजह है कि स्टाइलक्रेज के इस लेख में गुलाब के डंठल की चाय के बारे में हम विस्तार से बता रहे हैं। हम इस लेख में रोजहिप टी के फायदे और संभावित नुकसान के साथ ही गुलाब के डंठल की चाय लेने की मात्रा के बारे में भी बताएंगे।

चलिए, सबसे पहले गुलाब के डंठल की चाय के फायदे के बारे में जान लेते हैं।

गुलाब के डंठल की चाय के फायदे – Benefits of Rosehip Tea in Hindi

1. एंटीऑक्सीडेंट से भरपूर:

गुलाब के डंठल की चाय यानी रोजहिप टी को एंटीऑक्सिडेंट प्रभाव से भरपूर माना जाता है। इस बात की पुष्टि एक शोध में की गई है (1)। एंटीऑक्सिडेंट प्रभाव मुक्त कणों की वजह से शरीर में होने वाली क्षति को रोकने व कम करने का काम करके शरीर को बीमारियों से बचा सकता है (2)। रोजहिप में मौजूद उच्च स्तर के पॉलीफेनोल, कैरोटिनॉइड और विटामिन सी और ई शक्तिशाली एंटीऑक्सीडेंट गुण की तरह शरीर में काम कर सकते हैं। वैसे रोजहिप में विटामिन-सी की मात्रा कितनी होगी यह पौधों की प्रजातियों, फसल के समय और ऊंचाई पर निर्भर करता है (3)

एंटीऑक्सीडेंट से भरपूर खाद्य और पेय पदार्थ मुक्त कणों की वजह से होने वाले हृदय रोग, कैंसर और लिवर रोग से भी बचा सकते हैं। साथ ही यह भी ध्यान रहे कि शरीर में एंटीऑक्सिडेंट की मात्रा अधिक होने पर भी समस्या हो सकती है (4)। गुलाब के डंठल की चाय का सुबह-शाम सेवन किया जा सकता है या फिर रोजहिप पाउडर को सीधे पानी में घोल कर भी सेवन कर सकते हैं।

2. इम्यून सिस्टम:

रोजहिप में मौजूद विटामिन-सी इम्यूनिटी को मजबूत करने का काम कर सकता है। रोज हिप में अन्य फलों और सब्जियों के मुकाबले अधिक विटामिन-सी होता है (3)। इसके अलावा, गुलाब की डंठल में इम्यूनोमॉड्यूलेटरी (Immunomodulatory) प्रभाव भी पाए जाते हैं। यह वो प्रभाव होता है, जो शरीर की जरूरत के हिसाब से प्रतिरक्षा में बदलाव करता है (5)। इसी संबंध में एक शोध एनसीबीआई (नेशनल सेंटर फॉर बायोटेक्नोलॉजी इनफार्मेशन) ने भी प्रकाशित किया है, जिसके मुताबिक गुलाब की डंठल इम्यून फंक्शन को बेहतर करने में मदद कर सकती है। यह अध्ययन जानवरों पर किया गया था (6)। ऐसे में माना जाता है कि गुलाब के डंठल की चाय का सेवन इम्यून सिस्टम को बेहतर बनाने में मदद कर सकता है।

3. हृदय स्वास्थ्य के लिए रोजहिप टी के फायदे:

रोजहिप में मौजूद एंटीऑक्सीडेंट हृदय रोग के जोखिम कारक को कम करके हृदय को स्वस्थ रखने में मदद कर सकते हैं। एक अध्ययन के अनुसार यह कोलेस्ट्रॉल को नियंत्रित करने में मदद कर सकता है, जो हृदय रोग के जोखिम कारक में से एक है (7)। साथ ही रोजहिप मोटापे से ग्रसित लोगों के ब्लड प्रेशर और कोलेस्ट्रॉल को कम करके हृदय रोग से बचाने में भी मदद कर सकता है। इससे जुड़ा एनसीबीआई की वेबसाइट पर एक शोध उपलब्ध है। शोध के दौरान मोटापे से ग्रसित लोगों को 40 ग्राम रोजहिप पाउडर दिया गया। 6 हफ्ते तक इसका सेवन करने के बाद हृदय रोग से बचाव संबंधी सकारात्मक परिणाम देखे गए (8)। इसलिए, गुलाब के डंठल की चाय का सेवन हृदय रोग से बचने के लिए किया जा सकता है।

4. वजन घटाने के लिए गुलाब की डंठल की चाय के फायदे:

रोजहिप को लेकर किए गए शोध बताते हैं कि यह वजन घटाने में भी मदद कर सकता है। एनसीबीआई की वेबसाइट पर प्रकाशित एक रिसर्च की मानें तो रोजहिप में मौजूद टीलिरोसाइड (Tiliroside) नामक तत्व शरीर में वसा को कम करने में मदद कर सकता है।  इस बात को प्रमाणित करने के लिए मोटापे के शिकार चूहों पर 8 हफ्तों तक अध्ययन किया गया। इस दौरान चूहों को उच्च वसा वाले आहार के साथ रोजहिप भी दिया गया। इस दौरान अन्य चूहों के मुकाबले जिन्हें उच्च वसा और गुलाब की डंठल दिया जा रहा था, उनके शरीर के वजन में कमी पाई गयी (9)

इसी तरह 32 मोटापे से ग्रसित महिलाओं और पुरुषों पर किए गये शोध के अनुसार भी 12 हफ्तों तक रोजाना 100 मिलीग्राम रोजहिप का अर्क लेने पर शरीर के वजन और पेट की चर्बी में काफी कमी पाई गयी (10)। ऐसे में कहा जा सकता है कि उच्च वसा का सेवन करने की वजह जिन लोगों के वजन में वृद्धि होती है, उनका वजन कम करने में रोजहिप टी लाभकारी हो सकती है (9)। गुलाब की डंठल की चाय के साथ ही इसके काढ़े या फिर रोजहिप पाउडर को महज पानी में घोलकर भी सेवन किया जा सकता है।

5. सूजन और दर्द कम करने के लिए रोजहिप टी के फायदे:

रोजहिप अपने एंटी इंफ्लामेशन प्रभाव के लिए भी जाना जाता है। यही वजह है कि इंफ्लामेशन व सूजन संबंधी समस्याओं और दर्द से राहत पाने के लिए रोजहिप को अच्छे घरेलू उपचार की तरह उपयोग में लाया जा सकता है। दरअसल, रोजहिप में मौजूद गैलेक्टोलिपिड्स नामक कंपाउंड मजबूत एंटी-इंफ्लेमेटरी प्रभाव को प्रदर्शित करता है। रोजहिप में पाया जाने वाला यह प्रभाव इंफ्लामेशन की वजह से होने वाले गठिया व अर्थराइटिस के दर्द को कम करने में लाभदायक पाया गया है (11)

ऑस्टियोअर्थराइटिस (गठिया का एक प्रकार) से प्रभावित 100 लोगों को लेकर किए गये एक शोध के मुताबिक, 4 महीने तक जिन लोगों ने 0.5 ग्राम गुलाब की डंठल के अर्क का सेवन किया, उन्होंने जोड़ों में कम दर्द महसूस किया। खास बात यह है कि इस शोध के दौरान 65 प्रतिशत लोगों के दर्द में कमी पाई गयी। इसके अलावा, कूल्हे की गतिशीलता में भी वृद्धि दर्ज की गई (12)। यही वजह है कि रोजहिप टी के फायदे में सूजन और दर्द से राहत दिलाना भी शामिल है।

6. स्किन एजिंग से बचाने के लिए रोजहिप टी:

त्वचा के लिए गुलाब जल के फायदे से तो आप वाकिफ ही होंगे। गुलाब जल के साथ ही रोजहिप भी त्वचा को स्वस्थ रखने में मदद करता है। दरअसल, रोजहिप पाउडर में मौजूद एंटी-एजिंग गुण  बढ़ती उम्र की निशानी यानी झुर्रियों को कम करने में मददगार माने जाते हैं। एक अध्ययन के दौरान इसका इस्तेमाल झुर्रिया कम करने के साथ ही त्वचा की नमी बढ़ाने और चेहरे की इलास्टिसिटी को बेहतर करने में लाभदायक पाया गया है। रोजहिप में पाए जाने वाले एंटी-एजिंग गुण इसमें मौजूद विटामिन-सी की वजह से हैं। विटामिन-सी त्वचा को सुरक्षा प्रदान करने के साथ ही बतौर एंंटी-ऑक्सीडेंट भी काम करता है। इसकी वजह से यह कोलेजन (त्वचा के लिए जरूरी एक तरह का प्रोटीन) को बनाने में भी मदद कर सकता है।

इसके अलावा, रोजहिप में पाया जाने वाला एंटी-इंफ्लेमेटरी प्रभाव त्वचा को यूवी रेज की वजह से होने वाले इंफ्लामेशन और हानि से भी बचाने में मददगार साबित हो सकता है। यही वजह है कि रोजहिप को एंटी-एजिंग गुण से भरपूर माना जाता है (7)। ऐसे में रोजहिप टी का सेवन करने के साथ ही गुलाब के डंठल की चाय को ठंडा करके त्वचा पर रूई की मदद से लगाया भी जा सकता है।

7. डायबिटिज:

रोजाहिप में एंटीहाइपरग्लाइसेमिक प्रभाव होते हैं, जो ग्लूकोज के लेवल को कम करके डायबिटीज को कुछ हद तक नियंत्रित करने में मदद कर सकते हैं (13)। इस संबंध में एनसीबीआई की वेबसाइट पर एक शोध भी उपलब्ध है। शोध में उच्च वसा युक्त आहार लेने के साथ 10-20 हफ्ते तक रोज हिप पाउडर का सेवन करने वालों में रक्त शर्करा के स्तर में कमी देखी गई (14)। इसके अलावा, जैसा कि हम ऊपर लेख में बता चुके हैं कि रोजहिप मोटापे को कम कर सकता है और मोटापा डायबिटीज का जोखिम कारक है (10)। इसलिए, कहा जा सकता है कि गुलाब के डंठल की चाय का सेवन डायबिटीज से बचाव के लिए किया जा सकता है।

रोजहिप टी के फायदे तो आप जान गए हैं। चलिए, अब गुलाब के डंठल में मौजूद पोषक तत्वों पर एक नजर डालते हैं।

गुलाब के डंठल की चाय के पौष्टिक तत्व – Rosehip Tea Nutritional Value in Hindi

गुलाब के डंठल की चाय के फायदे शरीर को रोजहिप में मौजूद पोषक तत्वों की वजह से ही मिलते हैं। यही वजह है कि हम नीचे गुलाब की डंठल में मौजूद पोषक तत्वों के बारे में टेबल के माध्यम से बता रहे हैं (15)

पोषक>तत्व प्रति 100 ग्राम
जल 58.66 g
ऊर्जा 162 kcal
प्रोटीन 1.6 g
कुल फैट 0.34 g
कार्बोहाइड्रेट 38.22 g
फाइबर 24.1 g
शुगर 2.58 g
मिनरल
कैल्शियम 169 mg
आयरन 1.06 mg
मैग्नीशियम 69  mg
फास्फोरस 69 mg
पोटेशियम 429 mg
सोडियम 4 mg
जिंक 0.25 mg
मैंगनीज 1.02 mg
कॉपर 0.113 mg
विटामिन
विटामिन सी 426 mg
राइबोफ्लेविन 0.166 mg
नियासिन 1.3 mg
फोलेट, टोटल 3 µg
कोलीन 12 mg
विटामिन ए, RAE 217 µg
कैरोटीन, बीटा 2350 µg
विटामिन ए, IU 4345 IU
ल्यूटिन + जेक्सैंथिन 2001 µg
विटामिन ई (अल्फा-टोकोफेरॉल) 5.84  mg
विटामिन के (फाइलोक्विनोन) 25.9 µg

गुलाब के डंठल में मौजूद पोषक तत्व के बाद यह जान लेते हैं कि रोजहिप का उपयोग कैसे किया जा सकता है। इसके बाद हम गुलाब के डंठल की चाय के नुकसान के बारे में भी बताएंगे।

गुलाब के डंठल (रोजहिप) की चाय का उपयोग – How to Use Rosehip Tea in Hindi

गुलाब के डंठल की चाय का उपयोग कितना और कब करना चाहिए ये हम नीचे बता रहे हैं।

कब सेवन करना चाहिए – गुलाब के डंबल से बनी चाय का सेवन सुबह, दोपहर और शाम के वक्त किया जा सकता है।

कितना सेवन करना चाहिए वैसे रोजहिप चाय का सेवन कितनी मात्रा में करना चाहिए इसको लेकर कोई सटीक मात्रा तो तय नहीं की गई है। लेकिन, रोजहिप को लेकर किये गए शोध के आधार पर बात करें तो रिसर्च के दौरान 100 mg से 500 mg (0.5g) रोजहिप पाउडर का इस्तेमाल सुरक्षित माना गया है। ऐसे में दिनभर करीब दो से तीन कप रोजहिप चाय का सेवन कुल 100 से 500 mg रोजहिप पाउडर का इस्तेमाल करके किया जा सकता है (10) (12)। अधिक जानकारी के लिए एक बार डॉक्टर से सलाह जरूर करें।

किसी को भी अगर स्वास्थ्य संबंधी कोई गंभीर समस्या हो तो गुलाब के डंठल की चाय या पाउडर का उपयोग करने से पहले डॉक्टर से सलाह जरूर लें।

अब एक नजर रोजहिप टी के नुकसान पर डाल लेते हैं।

गुलाब के डंठल की चाय के नुकसान – Side Effects of Rosehip Tea in Hindi

गुलाब के डंठल की चाय के फायदे के साथ ही नुकसान भी हो सकते हैं। यही वजह है कि इसका सेवन संयमित मात्रा में करने की सलाह दी जाती है। वैसे गुलाब के डंठल को लेकर किए गये शोध के दौरान रोजहिप टी के नुकसान देखने को तो नहीं मिले (16), लेकिन फिर भी किसी भी चीज की अत्यधिक मात्रा से बचना चाहिए। नीचे हम विस्तार से संभावित गुलाब के डंठल की चाय के नुकसान और किन लोगों को इससे बचना चाहिए यह बता रहे हैं।

  • जी-मिचलाना (16)
  • विटामिन सी के उच्च स्तर के कारण, गुलाब की डंठल की चाय के सेवन से गुर्दे की पथरी का खतरा बढ़ा सकता है (17)
  • अगर कोई वर्तमान में मनोरोग संबंधी विकारों के इलाज के लिए लिथियम ले रहा है, तो उसे भी रोजहिप टी के सेवन से बचाना चाहिए। दरअसल, गुलाब के डंठल की चाय में मूत्रवर्धक प्रभाव होते हैं, जो केमिकल कंपाउंड लिथियम की विषाक्तता का कारण बन सकता है (10) (18)। फिलहाल, सीधे तौर पर इस संबंध में कोई शोध उपलब्ध नहीं है।

गुलाब के डंठल की चाय के फायदे और नुकसान दोनों के बारे में हम लेख में विस्तार से बता चुके हैं। बस अब आप अपनी सूझबूझ के साथ रोजहिप टी का सेवन स्वास्थ्य लाभ के लिए कर सकते हैं। बस इसका उपयोग करते समय इसकी मात्रा के साथ ही इस बात का भी ध्यान रखें कि यह किसी तरह की बीमारी को ठीक करने में नहीं बल्कि उसके लक्षणों को कम करने और शारीरिक स्वास्थ्य को बढ़ाने में मदद कर सकती है। यह लेख आपके लिए किस प्रकार से फायदेमंद रहा हमें जरूर बताएं। साथ ही आपके जहन में इस हर्बल रोजहिप टी को लेकर कुछ सवाल हों, तो आप उन्हें कमेंट बॉक्स के माध्यम से हमतक पहुंचा सकते हैं।

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